आरती कीजे हनुमान लला की & Aarti Kije Hanuman Lala ki
<h2>आरती कीजे हनुमान लला की – Aarti Kije Hanuman Lala ki</h2> <p>चैत्र की शुक्ल <a href="https://bhaktisatsang.com/sharad-poornima-vrat-katha/">पूर्णिमा</a> को कलयुग के सभी कष्टों को हरने वाले <a href="https://bhaktisatsang.com/hanumanji-siddha-kashtniwarak-mantra-hindi/">संकटमोचन हनुमान जी</a> (Hanuman ji ki Aarti Lyrics) की जयंती मनाई जाती है। हनुमान जयंती पर संकटमोचक की <a href="https://bhaktisatsang.com/daily-pujan-mantra/">पूजा-अराधना</a> करने से सभी कष्टों का नाश होता है।<a href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-ji-ki-aarti-lyrics/"> हनुमान जी की आरती</a> (Aarti Kije Hanuman Lala ki) का पाठ करने से सभी तरह के डर से मुक्ति मिलती है। आइए पढ़ें बजरंगबली की पूरी आरती…</p> <h3>Hanuman ji ki Aarti Lyrics – आरती कीजे हनुमान लला की</h3> <p>आरति कीजै हनुमान लला की।<br> दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।<br> जाके बल से गिरिवर कांपै।<br> रोग – दोष जाके निकट न झांपै।।<br> अंजनी पुत्र महा बलदाई।<br> सन्तन के प्रेम सदा सहाई।।<br> दे बीरा रघुनाथ पठाये।<br> लंका जारि सिया सुधि लाये।।<br> लंका सो कोट समुद्र सी खाई।<br> जात पवनसुत बार न लाई।।<br> लंक जारि असुर संहारे।<br> सिया रामजी के काज संवारे।।<br> लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।<br> आनि सजीवन प्रान उबारे।।<br> पैठि पताल तोरि जम – कारे।<br> अहिरावन की भुजा उखारे।।<br> बायें भुजा असुर दल मारे।<br> दहिने भुजा सन्तजन तारे।।<br> सुर नर मुनि आरती उतारे।<br> जै जै जै हनुमान उचारे।।<br> कंचन थार कपूर लौ छाई।<br> आरती करत अंजना माई।।<br> जो हनुमान जी की आरती गावै।<br> बसि बैकुंठ परम पद पावै।।<br> लंक विध्वंस किये रघुराई।<br> तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई।।<br> आरति कीजै हनुमान लला की।<br> दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।</p><p></p>
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