नारायण स्तोत्रम (Narayana Stotram) – आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित
<p>आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा रचित भगवान विष्णु को समर्पित नारायण स्तोत्रम् (Narayana Stotram) श्री हरी को बहुत प्रिय है तथा बहुत ही सरल पाठ है, जिसका हर कोई लाभ उठा सकता है। एकादशी के दिन श्री नारायण स्तोत्र का पाठ (Lakshmi Narayana Stotram) करने से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है। प्रतिदिन 43 दिन तक ये पाठ करने से जातक की सभी मनोकामना पूर्ण होती है।</p><h3 style="text-align: center;"><span style="color: #cf0000;">नारायण स्तोत्र – Narayana Stotram Lyrics Hindi</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h3> <p style="text-align: center;">नारायण नारायण जय गोविन्द हरे ॥<br> नारायण नारायण जय गोपाल हरे ॥<br> करुणापारावार वरुणालयगम्भीर नारायण ॥ 1 ॥<br> घननीरदसङ्काश कृतकलिकल्मषनाशन नारायण ॥ 2 ॥<br> यमुनातीरविहार धृतकौस्तुभमणिहार नारायण ॥ 3 ॥<br> पीताम्बरपरिधान सुरकल्याणनिधान नारायण ॥ 4 ॥<br> मञ्जुलगुञ्जाभूष मायामानुषवेष नारायण ॥ 5 ॥<br> राधाधरमधुरसिक रजनीकरकुलतिलक नारायण ॥ 6 ॥<br> मुरलीगानविनोद वेदस्तुतभूपाद नारायण ॥ 7 ॥<br> बर्हिनिबर्हापीड नटनाटकफणिक्रीड नारायण ॥ 8 ॥<br> वारिजभूषाभरण राजीवरुक्मिणीरमण नारायण ॥ 9 ॥<br> जलरुहदलनिभनेत्र जगदारम्भकसूत्र नारायण ॥ 10 ॥<br> पातकरजनीसंहार करुणालय मामुद्धर नारायण ॥ 11 ॥<br> अघ बकहयकंसारे केशव कृष्ण मुरारे नारायण ॥ 12 ॥<br> हाटकनिभपीताम्बर अभयं कुरु मे मावर नारायण ॥ 13 ॥<br> दशरथराजकुमार दानवमदसंहार नारायण ॥ 14 ॥<br> गोवर्धनगिरि रमण गोपीमानसहरण नारायण ॥ 15 ॥<br> सरयुतीरविहार सज्जनऋषिमन्दार नारायण ॥ 16 ॥<br> विश्वामित्रमखत्र विविधवरानुचरित्र नारायण ॥ 17 ॥<br> ध्वजवज्राङ्कुशपाद धरणीसुतसहमोद नारायण ॥ 18 ॥<br> जनकसुताप्रतिपाल जय जय संस्मृतिलील नारायण ॥ 19 ॥<br> दशरथवाग्धृतिभार दण्डक वनसञ्चार नारायण ॥ 20 ॥<br> मुष्टिकचाणूरसंहार मुनिमानसविहार नारायण ॥ 21 ॥<br> वालिविनिग्रहशौर्य वरसुग्रीवहितार्य नारायण ॥ 22 ॥<br> मां मुरलीकर धीवर पालय पालय श्रीधर नारायण ॥ 23 ॥<br> जलनिधि बन्धन धीर रावणकण्ठविदार नारायण ॥ 24 ॥<br> ताटकमर्दन राम नटगुणविविध सुराम नारायण ॥ 25 ॥<br> गौतमपत्नीपूजन करुणाघनावलोकन नारायण ॥ 26 ॥<br> सम्भ्रमसीताहार साकेतपुरविहार नारायण ॥ 27 ॥<br> अचलोद्धृतचञ्चत्कर भक्तानुग्रहतत्पर नारायण ॥ 28 ॥<br> नैगमगानविनोद रक्षित सुप्रह्लाद नारायण ॥ 29 ॥<br> भारत यतवरशङ्कर नामामृतमखिलान्तर नारायण ॥ 30</p><h3><span style="color: #cf0000;">नारायण स्तोत्रम का पाठ कैसे करे – How To Chant Narayana Stotram</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h3> <p style="text-align: justify;">सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए आपको भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने सुबह स्नान करने के बाद सुबह नारायण स्तोत्रम का पाठ करना चाहिए। आपको अपने प्रभाव को अधिकतम करने के लिए सबसे पहले नारायण स्तोत्रम अर्थ हिंदी में समझना चाहिए।</p> <h3><span class="ez-toc-section" id="%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%A3_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0_%E0%A4%95%E0%A5%87_%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD_-_Benefits_of_Narayana_Stotram"></span><span style="color: #cf0000;">नारायण स्तोत्र पाठ के लाभ – Benefits of Narayana Stotram</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h3> <p style="text-align: justify;">नारायण स्तोत्रम का नियमित रूप से पाठ करने से मन की शांति मिलती है और यह आपके जीवन से सभी बुराईयों को दूर रखता है और आपको स्वस्थ, धनवान और समृद्ध बनाता है।</p><p style="text-align: center;"></p><p></p>
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Category : Shloka & Stotra