बजरंग बाण – Bajrang Baan With Lyrics in Hindi

Dec 22,2022 | By Admin

बजरंग बाण – Bajrang Baan With Lyrics in Hindi

<p style="text-align: justify;"><a href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/">भगवान हनुमान जी</a> की कृपा पाने के लिए यह अत्यंत शुभ है। बजरंग बाण (Bajrang Baan) का मंत्र <a href="https://bhaktisatsang.com/katha-bhagwan-ram-hanuman-hindi/">हनुमान जी की भक्ति</a>, शक्ति और ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। कहते हैं कि बजरंग बाण के विधि पूर्वक पाठ से कुंडली के<a href="https://bhaktisatsang.com/remedies-of-manglik-dosha-or-kuja-dosha/"> मंगल दोष</a> से मुक्ति मिलती है। साथ ही मान्यता यह भी है कि बजरंग बाण (Bajrang Baan) के पाठ से शत्रु, भय और रोग के छुटकारा मिलता है।</p> <h3>बजरंग बाण – Bajrang Baan in Hindi</h3> <p>दोहा :</p> <p>निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।<br> तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥</p><p>जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥<br> जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥<br> जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥<br> आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥<br> जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥<br> बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥<br> अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥<br> लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥<br> अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी॥<br> जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता॥<br> जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥<br> ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥<br> ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा॥<br> जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता॥<br> बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक॥<br> भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर॥<br> इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की॥<br> सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै॥<br> जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा॥<br> पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा॥<br> बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं॥<br> जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ॥<br> जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा॥<br> चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं॥<br> उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई॥<br> ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता॥<br> ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल॥<br> अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ॥<br> यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै॥<br> पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की॥<br> यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं॥<br> धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा॥</p><p>उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।<br> बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥</p><p></p>

Tags : Mantra

Category : Mantra


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