संकट मोचन हनुमान अष्टक & Sankat Mochan Hanuman Ashtak
संकट मोचन हनुमान अष्टक | Sankat Mochan Hanuman Ashtak
मंगलवार के दिन हनुमान अष्टक का पाठ करना चाहिए, क्यों की हनुमान अष्टक के फायदे बहुत है, हनुमान अष्टक का पाठ करने से व्यक्ति भय मुक्त होता है और शत्रु पर विजय प्राप्त होती है। यहाँ हम आपको हनुमान अष्टक लिरिक्स दे रहे है जिससे आप भी आसानी से हनुमान अष्टक पाठ कर सकते है – Sankat Mochan Hanuman Ashtak pdf
हनुमान अष्टक | Hanuman Ashtak
बाल समय रबि भक्षि लियो तब तीनहूँ लोक भयो अँधियारो।
देवन आनि करी बिनती तब छाँड़ि दियो रबि कष्ट निवारो।
बालि की त्रास कपीस बसै गिरि जात महाप्रभु पंथ निहारो |
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु सो तुम दास के सोक निवारो |
अंगद के सँग लेन गए सिय खोज कपीस यह बैन उचारो।
हेरी थके तट सिंधु सबै तब लाय सिया-सुधि प्राण उबारो ।
रावन त्रास दई सिय को सब राक्षसि सों कहि सोक निवारो।
चाहत सीय असोक सों आगि सु दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो |
बान लग्यो उर लछिमन के तब प्रान तजे सुत रावन मारो ।
आनि सजीवन हाथ दई तब लछिमन के तुम प्रान उबारो ।
रावन जुद्ध अजान कियो तब नाग कि फाँस सबै सिर डारो ।
आनि खगेस तबै हनुमान जु बंधन काटि सुत्रास निवारो ।
बंधु समेत जबै अहिरावन लै रघुनाथ पताल सिधारो ।
जाय सहाय भयो तब ही अहिरावन सैन्य समेत संहारो ।
काज किये बड़ देवन के तुम बीर महाप्रभु देखि बिचारो ।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होय हमारो ।
दोहा –
लाल देह लाली लसे, अरु धरि लाल लँगूर ।
।। संकटमोचन हनुमान अष्टक सम्पूर्ण ।।
प्रश्न – हनुमान अष्टक का पाठ कब करना चाहिए
उत्तर – अगर कोई व्यक्ति शत्रु से या फिर किसी अन्य भय से विचलित है तो मंगलवार के दिन नियमित रूप से हनुमान अष्टक का पाठ करे । हनुमान अष्टक का पाठ बहुत लाभकारी होना चाहि । हनुमान अष्टक के पाठ को लेकर मान्यता है कि अगर कोई व्यक्ति पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान अष्टक का पाठ करता है, तो उसे सभी प्रकार के शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
प्रश्न – हनुमान अष्टक के फायदे (sankat mochan hanuman ashtak benefits)
उत्तर – श्री हनुमानाष्टक का पाठ करने से सभी प्रकार के रोग, दोष तथा प्रेत बाधा से मुक्ति मिलती है और हनुमान जी की कृपा की प्राप्ति होती है।
प्रश्न – हनुमान अष्टक का पाठ कैसे करना चाहिए?
उत्तर – हनुमान अष्टक पाठ करने वाले स्थान पर हनुमान जी की तस्वीर के साथ भगवान श्री राम की तस्वीर भी लगाएं. इसके बाद तस्वीरों के सामने घी का दीपक जलाएं। एक तांबे के लोटे या गिलास में जल भर कर रख ले । फिर पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ हनुमान जी का ध्यान करें और पाठ करे।
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