संक्षिप्त हनुमान कथा | Brief Hanuman story

Dec 22,2022 | By Admin

संक्षिप्त हनुमान कथा | Brief Hanuman story

संक्षिप्त हनुमान कथा | Hanuman Katha

हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना(एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थीं, मगर एक शाप के कारण उन्हें नारी वानर के रूप मे धरती पे जन्म लेना पडा। उस शाप का प्रभाव शिव के अन्श को जन्म देने के बाद ही समाप्त होना था। अंजना केसरी की पत्नी थीं।

केसरी एक शक्तिशाली वानर थे जिन्होने एक बार एक भयंकर हाथी को मारा था। उस हाथी ने कई बार असहाय साधु-संतों को विभिन्न प्रकार से कष्ट पँहुचाया था। तभी से उनका नाम केसरी पड गया, “केसरी” का अर्थ होता है सिंह। उन्हे “कुंजर सुदान”(हाथी को मारने वाला) के नाम से भी जाना जाता है।

केसरी के संग मे अंजना ने भगवान शिव कि बहुत कठोर तपस्या की जिसके फ़लस्वरूप अंजना ने हनुमान(शिव के अन्श) को जन्म दिया।

जिस समय अंजना शिव की आराधना कर रहीं थीं उसी समय अयोध्या-नरेश दशरथ, पुत्र प्राप्ति के लिये पुत्र कामना यज्ञ करवा रहे थे। फ़लस्वरूप उन्हे एक दिव्य फल प्राप्त हुआ जिसे उनकी रानियों ने बराबर हिस्सों मे बाँटकर ग्रहण किया। इसी के फ़लस्वरूप उन्हे राम, लषन, भरत और शत्रुघन पुत्र रूप मे प्राप्त हुए।

विधि का विधान ही कहेंगे कि उस दिव्य फ़ल का छोटा सा टुकडा एक चील काट के ले गई और उसी वन के ऊपर से उडते हुए(जहाँ अंजना और केसरी तपस्या कर रहे थे) चील के मुँह से वो टुकडा नीचे गिर गया। उस टुकडे को पवन देव ने अपने प्रभाव से याचक बनी हुई अंजना के हाथों मे गिरा दिया। ईश्वर का वरदान समझकर अंजना ने उसे ग्रहण कर लिया जिसके फ़लस्वरूप उन्होंने पुत्र के रूप मे हनुमान को जन्म दिया।

अंजना के पुत्र होने के कारण ही हनुमान जी को अंजनेय नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है ‘अंजना द्वारा उत्पन्न’।

Tags : Mantra,Brief Hanuman story,Hanumanji

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