मंगलवार व्रत कथा & Mangalvar Vrat Katha

Dec 22,2022 | By Admin

मंगलवार व्रत कथा & Mangalvar Vrat Katha

मंगलवार व्रत कथा – Mangalvar Vrat Katha

हनुमान जी का व्रत (hanuman vrat) मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar Vrat Katha) के बिना अधूरा है, आज मंगलवार व्रत के फायदे और मंगलवार व्रत कब से शुरू करें ? पर भी चर्चा करेंगे मंगलवार कथा के साथ में तो चलिए शुरू करते है –

मंगलवार की कथा – Mangalvar Vrat Katha

एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी जिस कारण वह बेहद दुखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहां उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की। घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के लिए मंगलवार का व्रत करती थी। वह मंगलवार के दिन व्रत के अंत में हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करती थी। एक बार व्रत के दिन ब्राह्मणी ना भोजन बना पाई और ना ही हनुमान जी को भोग लगा सकी। उसने प्रण किया कि वह अगले मंगलवार को हनुमान जी को भोग लगाकर ही भोजन करेगी।

वह भूखी प्यासी छह दिन तक पड़ी रही। मंगलवार के दिन वह बेहोश हो गई। हनुमान जी उसकी निष्ठा और लगन को देखकर प्रसन्न हुए। उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप ब्राह्मणी को एक पुत्र दिया और कहा कि यह तुम्हारी बहुत सेवा करेगा। बालक को पाकर ब्राह्मणी अति प्रसन्न हुई। उसने बालक का नाम मंगल रखा। कुछ समय उपरांत जब ब्राह्मण घर आया, तो बालक को देख पूछा कि वह कौन है? पत्नी बोली कि मंगलवार व्रत से प्रसन्न होकर हनुमान जी ने उसे यह बालक दिया है।

ब्राह्मण को अपनी पत्नी की बात पर विश्वास नहीं हुआ। एक दिन मौका देख ब्राह्मण ने बालक को कुएं में गिरा दिया। घर पर लौटने पर ब्राह्मणी ने पूछा कि “मंगल कहां है?” तभी पीछे से मंगल मुस्कुरा कर आ गया। उसे वापस देखकर ब्राह्मण आश्चर्यचकित रह गया। रात को हनुमानजी ने उसे सपने में दर्शन दिए और बताया कि यह पुत्र उसे उन्होंने ही दिया है। ब्राह्मण सत्य जानकर बहुत खुश हुआ। इसके बाद ब्राह्मण दंपत्ति मंगलवार व्रत रखने लगे। मंगलवार का व्रत रखने वाले मनुष्य हनुमान जी की कृपा व दया का पात्र बनते हैं।

मंगलवार के व्रत (Mangalwar Vrat) का आरंभ किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से करना शुभ माना जाता है। यदि आप मंगलवार के व्रत का आरंभ करते हैं तो आप 21 या 45 मंगलवार का व्रत रखें। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करना शुभ माना जाता है और इस व्रत के दौरान आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी। परन्तु हनुमान जी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हनुमान जयंती का दिन सबसे उत्तम माना गया है.

Tags : Mantra

Category : Pauranik Kahaniya


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