श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र – हनुमान जी की पहली स्तुति

Dec 22,2022 | By Admin

श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र – हनुमान जी की पहली स्तुति

<div class="ez-toc-title-container"> <p class="ez-toc-title">लेख सारिणी </p> <span class="ez-toc-title-toggle"></span></div><nav><ul class="ez-toc-list ez-toc-list-level-1"><li class="ez-toc-page-1 ez-toc-heading-level-2"><a class="ez-toc-link ez-toc-heading-1" href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/#%E0%A4%B6%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%80_%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%B5%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_-_Hanuman_Vadvanal_Stotra" title="श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र – Hanuman Vadvanal Stotra">श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र – Hanuman Vadvanal Stotra</a></li><li class="ez-toc-page-1 ez-toc-heading-level-2"><a class="ez-toc-link ez-toc-heading-2" href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/#%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%AC%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BF" title="हनुमान बडवानल स्तोत्र विधि">हनुमान बडवानल स्तोत्र विधि</a><ul class="ez-toc-list-level-3"><li class="ez-toc-heading-level-3"><a class="ez-toc-link ez-toc-heading-3" href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/#%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%97" title="विनियोग&nbsp;">विनियोग&nbsp;</a></li><li class="ez-toc-page-1 ez-toc-heading-level-3"><a class="ez-toc-link ez-toc-heading-4" href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/#%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8" title="ध्यान">ध्यान</a></li></ul></li><li class="ez-toc-page-1 ez-toc-heading-level-2"><a class="ez-toc-link ez-toc-heading-5" href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/#%E0%A4%B5%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_-_Hanuman_Vadvanal_Stotra_PDF" title="वडवानल स्तोत्र – Hanuman Vadvanal Stotra PDF">वडवानल स्तोत्र – Hanuman Vadvanal Stotra PDF</a><ul class="ez-toc-list-level-3"><li class="ez-toc-heading-level-3"><a class="ez-toc-link ez-toc-heading-6" href="https://bhaktisatsang.com/hanuman-vadvanal-stotra/#%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%B5%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0_%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%87_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD" title="हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करने से लाभ">हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करने से लाभ</a></li><li class="ez-toc-heading-level-3"><h2 style="text-align: justify;"><span style="color: #cf0000;">श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र – Hanuman Vadvanal Stotra</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h2> <p style="text-align: justify;">Hanuman Vadnaval Stotra PDF – हनुमानजी की प्रार्थना में <a href="https://bhaktisatsang.com/tulsidas-ji-ka-jeevan-parichay-biography/">तुलसीदासजी</a> ने हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक आदि अनेक स्तोत्र लिखे, लेकिन हनुमानजी की पहली स्तुति किसने की थी? तुलसीदासजी के पहले भी कई संतों और साधुओं ने हनुमानजी की श्रद्धा में स्तुति लिखी है।</p><p style="text-align: justify;">जब हनुमानजी लंका का दहन कर रहे थे तब उन्होंने अशोक वाटिका को इसलिए नहीं जलाया, क्योंकि वहां सीताजी को रखा गया था। दूसरी ओर उन्होंने विभीषण का भवन इसलिए नहीं जलाया, क्योंकि विभीषण के भवन के द्वार पर तुलसी का पौधा लगा था। <a href="https://bhaktisatsang.com/about-lord-vishnu-shri-hari-hindi/">भगवान विष्णु का पावन चिह्न</a> शंख, चक्र और गदा भी बना हुआ था। सबसे सुखद तो यह कि उनके घर के ऊपर ‘राम’ नाम अंकित था। यह देखकर हनुमानजी ने उनके भवन को नहीं जलाया।</p> <p style="text-align: justify;">विभीषण के शरण याचना करने पर सुग्रीव ने श्रीराम से उसे शत्रु का भाई व दुष्ट बताकर उनके प्रति आशंका प्रकट की और उसे पकड़कर दंड देने का सुझाव दिया। हनुमानजी ने उन्हें दुष्ट की बजाय शिष्ट बताकर शरणागति देने का अनुरोध किया था, जिसे प्रभु राम ने स्वीकार कर लिया था। विभीषण ने <a href="https://bhaktisatsang.com/bhakt-hanuman-mantra-shlok-and-strotam/">हनुमानजी की स्तुति</a> में एक स्तोत्र की रचना की है। विभीषण द्वारा रचित इस स्तोत्र को<strong> ‘हनुमान वडवानल स्तोत्र’</strong> कहते हैं।</p><p style="text-align: justify;">यह स्तोत्र सभी रोगों के निवारण में, शत्रुनाश, दूसरों के द्वारा किये गये पीड़ा कारक कृत्या अभिचार के निवारण, राज-बंधन विमोचन आदि कई प्रयोगों में काम आता है।</p> <h2 style="text-align: justify;"><span class="ez-toc-section" id="%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%AC%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BF"></span><span style="color: #cf0000;">हनुमान बडवानल स्तोत्र विधि</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h2> <p style="text-align: justify;">मंगलवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाकर 108 पाठ नित्य 41 दिन तक करने पर सभी बाधाओं का शमन होकर अभीष्ट कार्य की सिद्धि होती है।</p><h3 style="text-align: justify;"><span style="color: #cf0000;">विनियोग&nbsp;</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h3> <p style="text-align: justify;">ॐ अस्य श्री हनुमान् वडवानल-स्तोत्र मन्त्रस्य श्रीरामचन्द्र ऋषि:, श्रीहनुमान् वडवानल देवता, ह्रां बीजम्, ह्रीं शक्तिं, सौं कीलकं, मम समस्त विघ्न-दोष निवारणार्थे, सर्व-शत्रुक्षयार्थे सकल- राज- कुल- संमोहनार्थे, मम समस्त- रोग प्रशमनार्थम् आयुरारोग्यैश्वर्याऽभिवृद्धयर्थं समस्त- पाप-क्षयार्थं श्रीसीतारामचन्द्र-प्रीत्यर्थं च हनुमद् वडवानल-स्तोत्र जपमहं करिष्ये।</p> <h3 style="text-align: justify;"><span class="ez-toc-section" id="%E0%A4%A7%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%A8"></span><span style="color: #cf0000;">ध्यान</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h3> <p style="text-align: justify;">मनोजवं मारुत-तुल्य-वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं।<br> वातात्मजं वानर-यूथ-मुख्यं श्रीरामदूतम् शरणं प्रपद्ये ।।</p><h2 style="text-align: center;"><span style="color: #cf0000;">वडवानल स्तोत्र – </span><span style="color: #cf0000;">Hanuman Vadvanal Stotra PDF</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h2> <p style="text-align: center;">ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते प्रकट-पराक्रम<br> सकल-दिङ्मण्डल-यशोवितान-धवलीकृत-जगत-त्रितय<br> वज्र-देह रुद्रावतार लंकापुरीदहय उमा-अर्गल-मंत्र<br> उदधि-बंधन दशशिरः कृतान्तक सीताश्वसन वायु-पुत्र<br> अञ्जनी-गर्भ-सम्भूत श्रीराम-लक्ष्मणानन्दकर कपि-सैन्य-प्राकार<br> सुग्रीव-साह्यकरण पर्वतोत्पाटन कुमार-ब्रह्मचारिन् गंभीरनाद<br> सर्व-पाप-ग्रह-वारण-सर्व-ज्वरोच्चाटन डाकिनी-शाकिनी-विध्वंसन<br> ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महावीर-वीराय सर्व-दुःख<br> निवारणाय ग्रह-मण्डल सर्व-भूत-मण्डल सर्व-पिशाच-मण्डलोच्चाटन<br> भूत-ज्वर-एकाहिक-ज्वर, द्वयाहिक-ज्वर, त्र्याहिक-ज्वर<br> चातुर्थिक-ज्वर, संताप-ज्वर, विषम-ज्वर, ताप-ज्वर,<br> माहेश्वर-वैष्णव-ज्वरान् छिन्दि-छिन्दि यक्ष ब्रह्म-राक्षस<br> भूत-प्रेत-पिशाचान् उच्चाटय-उच्चाटय स्वाहा।<br> ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते<br> ॐ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः आं हां हां हां हां<br> ॐ सौं एहि एहि ॐ हं ॐ हं ॐ हं ॐ हं<br> ॐ नमो भगवते श्रीमहा-हनुमते श्रवण-चक्षुर्भूतानां<br> शाकिनी डाकिनीनां विषम-दुष्टानां सर्व-विषं हर हर<br> आकाश-भुवनं भेदय भेदय छेदय छेदय मारय मारय<br> शोषय शोषय मोहय मोहय ज्वालय ज्वालय<br> प्रहारय प्रहारय शकल-मायां भेदय भेदय स्वाहा।<br> ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते सर्व-ग्रहोच्चाटन<br> परबलं क्षोभय क्षोभय सकल-बंधन मोक्षणं कुर-कुरु<br> शिरः-शूल गुल्म-शूल सर्व-शूलान्निर्मूलय निर्मूलय<br> नागपाशानन्त-वासुकि-तक्षक-कर्कोटकालियान्<br> यक्ष-कुल-जगत-रात्रिञ्चर-दिवाचर-सर्पान्निर्विषं कुरु-कुरु स्वाहा।<br> ॐ ह्रां ह्रीं ॐ नमो भगवते महा-हनुमते<br> राजभय चोरभय पर-मन्त्र-पर-यन्त्र-पर-तन्त्र<br> पर-विद्याश्छेदय छेदय सर्व-शत्रून्नासय<br> नाशय असाध्यं साधय साधय हुं फट् स्वाहा।</p> <p style="text-align: center;"><span style="color: #800080;"><strong>।। इति विभीषणकृतं हनुमद् वडवानल स्तोत्रं ।।</strong></span></p> <h3 style="text-align: justify;"><span class="ez-toc-section" id="%E0%A4%B9%E0%A4%A8%E0%A5%81%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%A8_%E0%A4%B5%E0%A4%A1%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%B2_%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A5%8B%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0_%E0%A4%95%E0%A4%BE_%E0%A4%AA%E0%A4%BE%E0%A4%A0_%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%A8%E0%A5%87_%E0%A4%B8%E0%A5%87_%E0%A4%B2%E0%A4%BE%E0%A4%AD"></span><span style="color: #cf0000;">हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करने से लाभ</span><span class="ez-toc-section-end"></span></h3> <p style="text-align: justify;">यदि आप किसी भी रोग से परेशान हो, किसी तरह का भय, या बुरी चीजों से मुक्त होना चाहते हो तो 41 दिनों तक श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र का पाठ करने से लाभ प्राप्त होता हैं, श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र को नियमित रूप से पाठ करने से <a href="https://bhaktisatsang.com/vastu-upay-remedies-for-positive-life/">सभी समस्याओ का हल</a> निश्चित मिलता है। </p><p style="text-align: justify;"></p><p style="text-align: justify;"></p><p style="text-align: justify;"></p><p style="text-align: justify;"></p></li></ul></li></ul></nav><p></p>

Tags : Mantra

Category : Shloka & Stotra


Shloka & Stotra
whatsapp
whatsapp