शनि का राशियों से संबन्ध - Shani and Other Rashis

Dec 21,2022 | By Admin

शनि का राशियों से संबन्ध - Shani and Other Rashis

शनि शुक्र की तुला राशि में उच्च का होता है. और मंगल की मेष राशि में इसे नीचता प्राप्त होती है. मकर व कुम्भ राशियां इसकी स्वयं कि राशियां है. शनि एक राशि में लगभग 2 1/2 वर्ष तक रहता है. मकर राशि में यह विशेष बली होता है. शनि के नक्षत्रों में पुष्य़, अनुराधा और उतराभाद्रपद नक्षत्र आते है. शनि को चतुष्पद, वन- पर्वत, एकान्त स्थान में घूमने वाला, भ्रमणप्रिय, तीक्ष्ण दृष्टि वाला कहा गया है. इसके देवता ' ब्रह्मा" और इसका रत्न नीलम है.

शनि की मकर राशि - Capricorn and Shani

मकर राशि को भचक्र में 270 से 300 अंश के मध्य का अधिकार प्राप्त है. शरीर में यह राशि मुख्य रुप से घुटनों की प्रतीक है. मकर राशि सम राशियों में से एक राशि है. तथा इस राशि पर सूर्य 25 दिन 24 घटी तक रहता है. यह राशि स्त्री राशियों में आती है. इसके अतिरिक्त मकर राशि चर राशि है. वात प्रकृ्ति की, रात्रिबली, वैश्य जाति और दक्षिण दिशा की स्वामी है. इस राशि की स्वभाविक विशेषता है कि यह समय के साथ उन्नति की परिचायक है.

शनि की कुम्भ राशि Capricorn and Shani

मकर राशि के अलावा शनि को अन्य जिस राशि का स्वामित्व दिया गया है. वह कुम्भ है. कुम्भ राशि को अंग्रेजी में एक्युरिअस कहते है. यह 300 से 330 अंश पर भचक्र में होती है. कुम्भ विषम राशि है. पुरुष प्रधान, स्थिर स्वभाव, विचित्र वर्ण, दिवाबली, पश्चिम दिशा की स्वामी है. इस राशि को शुद्र की प्रथम संतान और क्रूर स्वभाव की शांतचित, धर्म प्रिय और विचारशील माना गया है.
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शनि की मित्र राशियां Shani and Friend Rashis

शुक्र व बुध शनि के मित्र है. इसलिये शुक्र की वृषभ राशि, तुला राशि व बुध की मिथुन व कन्या राशियां शनि की मित्र राशियों में आती है. इनमें भी वृ्षभ व मिथुन राशि से इसके संबन्ध अधिक मधुर है. यह बुध के साथ हों, तो सात्विक व शुक्र के साथ हों, तो राजसिक, सूर्य व चन्द्र के साथ शत्रु समान व्यवहार करता है.

शनि की गति

शनि की दैनिक गति 10 घण्टा 16 मिनट है. यह पृ्थ्वी से 85 करोड मील दुर शनि का व्यास 2, 50,000 मील है. शनि सभी राशियों पर अपना एक चक्कर 29 वर्ष, 5 मास, 17 दिन के आसपास पूरा कर लेते है. विंशोतरी दशा के अनुसार शनि की महादशा 19 वर्ष तथा अष्टोतरी दशा 10 वर्ष की होती है.

शनि एक राशि में 2 1/2 वर्ष रहता है. सूर्य एक राशि में 1 महीना, चन्द्रमा सवा दो दिन, मंगल 1 1/2 महीना, गुरु तेरह महीना, बुध तथा शुक्र 1 महीना, राहू और केतु उल्टे चलते हुए केवल 18 महीने एक राशि में रहता है.

शनि देव की शक्ति Power of Shanidev

नौ ग्रहों में शनि को निवेदन करने वाला ग्रह कहा है. परन्तु इसमें विग्रह की प्रवृ्ति भी है. शनि की भीष्णता के स्मरण से ही देव व मानव भयभीत हो जाते है. ब्रह्मा, विष्णु, इन्द्र और सप्तर्षि भी शनि की दृ्ष्टि से पद से च्युत हो जाते है. यह माना जाता है कि शनि की दृष्टि से देश- नगर, ग्राम, द्वीप, वृक्ष, तक शनि की दृ्ष्टि से जड सहित नष्ट हो सकते है.

शनि का वाहन

शनि का वाहन " गीध" नामक पक्षी है. जिसे शनि ने अपने अधिकार क्षेत्रों की सुरक्षा के लिये नियुक्त किया हुआ है. शनि की प्रकृ्ति के अनुसार गीध का स्वभाव भी आलस्य, अतिआहार, स्वार्थी, दारूण, तटस्थता, क्रोध, हिंसा, शारीरिक सामर्थय, मांसप्रियता, दूर दृष्टि, और तामसिक प्रवृ्ति का माना गया है.

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