विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्रम & Vishnu Sahasranamam Stotram
विष्णु सहस्त्रनाम – Vishnu Sahasranamam
Vishnu Sahasranamam Stotram : भगवान् विष्णु की उपासना के लिए विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ (Vishnu Sahasranamam Hindi PDF) सबसे ज्यादा फलदायी होता है. इससे श्री हरि की कृपा से सारे काम आसानी से बनने लगते हैं. इसमें भगवान् के सहस्त्र नामों का उल्लेख है. इसके अद्भुत श्लोक हर ग्रह और हर नक्षत्र को नियंत्रित कर सकते हैं परन्तु बृहस्पति की पीड़ा को दूर करने के लिए इसका पाठ अमोघ होता है. अधिक मास में इसका पाठ विशेष फलदायी होता है. इससे हर तरह की मनोकामना पूरी की जा सकती है.
l l श्री गणेशाय नमः l l
श्री विष्णुसहस्रनाम (श्लोक में श्रीविष्णु के एक हजार नाम)
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ।
लोकाध्यक्षः सुराध्यक्षो धर्माध्यक्षः कृता-कृतः ।
विष्णु सहस्रनाम के पाठ के दौरान ध्यान रखें
इसमें सर्व प्रथम भगवान् विष्णु का आवाहन पूजन करें l पूजन में सर्व प्रथम इस मंत्रोच्चारण के साथ –
तत्पश्चात माला लेकर नाम जप अथवा पाठ करना चाहिए l जप या पाठ के लिए तुलसी या रुद्राक्ष की माला ही उत्तम मानी गई है l माला दाहिने हाथ में धारण करनी चाहिए l साधक इस बात का विशेष ध्यान रखे कि जप या पाठ आदि कार्यों में एकाग्रता का विशेष महत्त्व है l जितनी एकाग्रता, उतना ही लाभ प्राप्त होगा l श्री विष्णु सहस्त्रनाम युगों युगों से अभीष्ट फल दायक माना गया है l
विष्णु सहस्त्रनाम के लाभ
स्वास्थ्य की दृष्टि से विष्णु सहस्त्र नाम के पाठ से ज्वर यानि बुखार का नाश होता है, रोगी के द्वारा न हो सकें तो विद्वान धर्मनिष्ठ से पाठ कराना चाहिए। महर्षि वाग्भट्टाचार्य जी कहते हैं कुष्ठ रोग ठीक करने के लिए सूर्य की आराधना के साथ सूर्य मंत्र का जाप, व्रत, यज्ञ इसे शीघ्र ठीक कर सकता है।
वही ज्योतिष के जानकार मानते हैं कि विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र के पाठ से कुंडली का बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। कुंडली में बृहस्पति कमजोर होने से पेट से संबंधित परेशानी हो जाती है, इस समस्या की समाप्ति के लिए विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही संतान उत्पत्ति में बाधा या वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए भी इस स्तोत्र का पाठ करने के लिए कहा जाता है।
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