जाने जीवन रेखा का रहस्य & मनुष्य के जीवन-मरण का सारा रहस्य बतलाने वाली
जीवन रेखा – Life Line Palmistry
जीवन रेखा (Palmistry Life Line) अंगूठे के आधार से निकलती हुई, हथेली को पार करते हुए वृत्त के आकार मे कलाई के पास समाप्त होती है। यह सबसे विवादास्पद रेखा है। यह रेखा शारीरिक शक्ति और जोश के साथ शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की भी व्याख्या करती है। शारीरिक सुदृढ़ता और महत्वपूर्ण अंगों के साथ समन्वय, रोग प्रतिरोधक क्षमता और स्वास्थ्य का विश्लेषण करती है।
हाथों की लकीरों में ही इंसान के जीवन-मरण का सारा रहस्य छुपा होता है। जीवन चक्र के इस रहस्य को बताने वाली इस रेखा को ही जीवन रेखा (Life Line in Hands Palm) कहा जाता है।
जीवन रेखा कहां होती है ?
जीवन रेखा का घेराव अंगुठे के निचले क्षेत्र में होता है। यह शुक्र का क्षेत्र माना जाता है। यह रेखा तर्जनी और अंगुठे के मध्य से शुरु होकर मणिबंध तक जाती है। इसका फैलाव एक आर्क की तरह होता है।
जीवन रेखा का फल
जीवन रेखा को पढ़ने से ही इंसान की आयु और उसके जीवन में रोगों आदि का पता चल पाता है।
जीवन रेखा लंबी,पतली, साफ हो और बिना किसी रुकावट के होनी चाहिए।
अगर जातक के हाथों में जीवन रेखा पर कई जगह छोटी-छोटी रेखाएं कट या क्रॉस कर रही हैं तो यह अच्छी सूचना नहीं देते।
जीवन रेखा पर अगर कहीं रेखाएं स्टार का निशान बनाएं तो यह रीढ़ की हड्डी से संबंधित बिमारियों की निशानी होती है। सफेद बिंदु आंखो की समस्या को दर्शाता है। जीवन रेखा पर काला धब्बा या तिल या क्रॉस एक्सीडेंट की तरफ इशारा करते हैं। लेकिन अगर यह इन को पार कर जाए तो इसका अर्थ है कि जातक जीवन में परेशानियों से देर-सवेर उबर ही जाएगा।
जीवन रेखा के सभी मानक स्थितयों का विश्लेषण
जीवन रेखा बहुत हद तक भाग्य को प्रभावित करती है। जीवन रेखा, दूसरी रेखाओं पर भी अपना प्रभाव डालती है। यदि सभी रेखाओं का आरंभ जीवन रेखा से हो तो व्यक्ति के लाभ और उपलब्धि को बढाता है। लेकिन यह एक अपवाद है। जब जीवन रेखा, मस्तिष्क रेखा, हृदय रेखा से आरंभ में मिलती है तो यह अशुभ स्थिति को दर्शाती है, व्यक्ति तुनुकमिजाज और मुसीबत के समय जल्दी घबरा जाने वाला होता है।
जीवन रेखा की स्थिति के अनुसार उसका निरुपण नीचे किया जा रहा है
आकार के आधार पर जीवन रेखा का विश्लेषण
जीवन रेखा का उदगम शुक्र पर्वत से आरंभ हो कर हथेली के नीचे जाते हुये शुक्र पर्वत को घेरता है। यह रेखा हाथ की सबसे महत्वपूर्ण और विवादास्पद रेखा है। यह रेखा हथेली के अंत तक जाती हुई शुक्र पर्वत पर एक चाप की आकार लिये होती है। यह रेखा जीवन शक्ति, शारीरिक स्वस्थता, प्रतिरोधक क्षमता, शारीरिक बीमारियॉ ,ज्वर, मृत्यु और सामान्य स्वस्थता की जानकारी देती है।
आम धारणा के विपरीत यह व्यक्ति की सटीक उम्र नही बताती है। यह रेखा आकस्मिक दुर्घटना को छोड़ कर व्यक्ति का साधारणत: जीवन कितना होगा, यह बता सकती है.
जीवन रेखा लंबी,पतली, साफ हो और बिना किसी रुकावट के, टूटी या कटी नही होनी चाहिये । ये सब आकार प्रदर्शित करते है कि व्यक्ति लम्बी उम्र, अच्छे स्वास्थ और तंदुरुस्ती का मालिक है। जीवन रेखा के आकार पर आधारित कुछ नियम नीचे दिये जा रहे है।
यदि जीवन रेखा और मस्तिष्क रेखा के बीच मे कुछ जगह है तो व्यक्ति आकर्षित करने वाला, ध्यान न देने वाला होता है, जो यह दर्शाता है कि व्यक्ति ऊर्जा युक्त, अति उत्साही होता है। परन्तु इन रेखाओ कि बीच मे व्यापक जगह हो व्यक्ति अतिआत्मविश्वासी, अतिउत्साही और अति ऊर्जा युक्त बनता है।
यदि जीवन रेखा पर द्वीप हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति ज्वर या खराब स्वास्थ्य से पीड़ित होगा परन्तु यदि द्वीप रेखा के आरंभ मे हो तो व्यक्ति की मृत्यु अनसुलझी पहेली बन जाती है।
यदि जीवन रेखा पर वर्ग बना हो तो यह दर्शाता है कि व्यक्ति का अचानक बीमारी, रोग और मृत्यु से बचाव होगा।
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