सर्व कार्य सिद्धि और नव ग्रह यन्त्र जीवन में सर्वत्र सफलता , यश, कीर्ति और घर में प्रेम और सुख शांति के लिए
मन्त्र –
ऊँ ब्रह्मा मुरारि स्त्रिपुरान्तकारी भानु : शशी भूमिसुतो: बुधश्च ।
इस धरती पर हम सभी मनुष्य और जीवजंतु सूर्य और अन्य ग्रहों से प्रभावित रहते है । हमारे पूरे जीवन में किसी ना किसी गृह की महादशा , अंतर दशा चलती ही रहती है । यह गृह हमें कभी शुभ और कभी अशुभ फल प्रदान करते है वस्तुतरू हमारा पूरा पारिवारिक , सामाजिक , आर्थिक जीवन, हमारा मान सम्मान हमारी तरक्की पर भी इन ग्रहों का अवश्य ही यह गृह हमारा अनिष्ट ना करें हमारे लिए मददगार साबित हो जाये तो हम अपने जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर पाएंगे इसमें कोई भी संदेह नहीं है । इस सिद्ध नवग्रह यंत्र की सच्चे मन से आराधना , नित्य दर्शन से हमारे पारिवारिक जीवन में सदैव प्रेम और उल्लास का वातावरण बना रहेगा व्यक्ति का दाम्पत्य जीवन में कभी भी कोई भी अड़चन नहीं आएगी ।
मन्त्र –
शिव: शक्त्या युक्तों यदि भवति शक्त : प्रभवितुः ।
वर्तमान युग में व्यक्तियों के मध्य में कड़ी प्रतिस्पर्द्धा है , व्यक्तियों के पास समय कम और कार्यों का बोझ ज्यादा है , लोग अपने कार्यों में बहुत ज्यादा मेहनत भी करते है लेकिन किसी न किसी कारण से आपेक्षित सफलता नहीं मिल पाती है । व्यक्ति जीवन में अनेकों मोर्चों पर जैसे शिक्षा , स्वास्थ्य ,विभिन्न प्रतियोगिताओं, परिवार और समाज में लोगो से आपसी संबंधों ,व्यापर , नौकरी में तरक्की, लाभ, मान प्रतिष्ठा , राज द्वार से सफलता प्राप्ति हेतु प्रयत्नशील रहता है , लेकिन उसे मिले झूले परिणाम ही मिलते है उसे लगातार हर मोर्चे पर सक्रिय रहना पड़ता है , इसी लिए हमारे ऋषि मुनियों द्वारा बनाया गया यह सर्व कार्य सिद्धि यंत्र हर व्यक्ति के लिए वरदान है ।
इस यंत्र को नित्य ध्यान पूर्वक देखकर, इसके सम्मुख श्रद्धा पूर्वक मस्तक झुकाकर आशीर्वाद लेने से प्रबल आत्मविश्वास के प्राप्ति होती है । व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सहायता मिलती है मन से संशय और भय दूर होता है , व्यक्ति के मन में नकारात्मक भाव और पाप के विचार नहीं आते है एवं उसे सभी कार्यों में शीघ्र और हर संभव सफलता मिलती है ।
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