नवरात्री में करे लघु गायत्री साधना, सभी मनोकामनाएं स्वतः ही पूरी होगी
नवरात्री में लघु गायत्री साधना – Gayatri Laghu Anusthan – गायत्री लघु अनुष्ठान,
गायत्री साधना विधि – साधना कर शक्ति संचय करने के महापर्व होते है नवरात्री के 9 दिन, अगर नवरात्री में साधक गायत्री महामंत्र का लघु अनुष्ठान करता हैं तो उसके जीवन में सात्विकता तो आती ही है, साथ में उसकी अनेक मनोकामनाएं भी स्वतः ही पूरी होने लगती हैं । अतः इसके लिए नौ दिनों तक 24,000 गायत्री महामंत्र जप करने का विधान है, जिसे ही लघु गायत्री अनुष्ठान या साधना कहा जाता हैं, अगर इस अनुष्ठान को कुछ नियमों का पालन करते हुए किया जाए तो साधक की रक्षा के लिए माँ गायत्री स्वयं एक दिव्य रक्षा कवच बना देती हैं, ताकि साधक निर्विघ्न रूप से अपनी साधना सफलता पूर्वक पूर्ण कर सके ।
गायत्री लघु अनुष्ठान विधि और सावधानिया
प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक कुल 24 हजार गायत्री जप करने के लिए प्रतिदिन 27 माला नियमित रूप से जपनी पड़ती हैं ।
27 माला का ये जाप सामान्यतः 3 घंटों में पूरा हो जाता है । दिन में दो समय भी जप करके पूजा किया जा सकता हैं ।
जप को ब्रह्म मुहूर्त में शुरू करे तो अति उत्तम है अन्यथा सुबह 8 बजे से पहले भी कर सकते है
गायत्री मंत्र का जप तुलसी या रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए ।
जप के समय कुशा के आसन का प्रयोग करें ।
स्वावलम्बी बने और ब्रह्मचर्य का पालन करे ।
हो सके तो भूमि पर ही चटाई या ऊनि चटाई पर सोये ।
व्यसन, मोबाइल, सोशल मीडिया से दूर रहे और स्वाध्याय करे।
जप का शताँश हवन भी करना चाहिए ।
पूर्णाहुति के बाद प्रसाद वितरण, कन्या भोज आदि सामर्थ्यानुसार उत्तम हैं ।
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