आज के इस बदलते समय में कैसी शिक्षा और संस्कार बच्चो को देना चाहिए ? जानिए
परिवार को बच्चों की प्रथम पाठशाला भी कहा जाता है। बच्चों मे अच्छे संस्कारो की नीव परिवार में ही पड़ती है। जब बच्चा पैदा होता है तब वह सीखना शुरु कर देता है। यही सही समय है जब बच्चों मे अच्छे संस्कार विकसित किये जा सकते है क्यूंकि बचपन में बच्चा जो भी सीखता है वह उसकी आदत बन जाती है। उन आदतों को बच्चे कभी भूलते नही है। कहा जाता है कि जब बच्चा छोटा होता है तो उसे आसानी से अच्छी आदते सिखायी जा सकती है क्यूंकि बचपन में सीखी हुई आदते हमेशा के लिए बन जाती है।
बच्चों को जब अच्छे संस्कार सिखाएं जाते हैं तब जाकर वे सामाजिक और व्यवहार कुशल बनते हैं। इसके साथ-साथ बच्चों को उनकी गलतियोँ के भी बारे में बताना और उन गलतिओं को सुधारना भी उतना ही जरुरी है जितना की अच्छे संस्कार देना।
हम सभी चाहते है कि हमारे बच्चे संस्कारी हो। वह अपने से बड़े लोगो का आदर करे। उनमे सभी प्रकार की अच्छी आदतें विकसित हो। हमारे बच्चों मे सभी प्रकार की अच्छे आदते हो। उनमे बड़ो का आदर करने की भावना हो, सभी से शिष्टाचार पूर्ण व्यवहार करना आता हो। बच्चों की गलतियोँ को कभी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, आइये जानते है कि किस तरह हम अपने बच्चो में अच्छे संस्कारो को विकसित कर सकते है-
निष्कर्ष : हम सभी अपने बच्चों का उज्जवल भविष्य चाहते है। एक माता-पिता की ये ख्याहिश होती है कि उनकी संतान अच्छे गुणों से और अच्छे संस्कारो से परिपूर्ण हो। उनमे ये आदते तभी विकसित होगी जब हमारे अंदर भी अच्छे संस्कार होगे और हम उनके सामने एक आदर्श प्रस्तुत कर सकेगे।
निष्कर्ष : बच्चे एक कोरे स्लेट के समान होते है उनको आप जिस तरह का व्यहार करना सिखाएगे उसी तरह का व्यहार आपका बच्चा आपके साथ करेगा।अपने बच्चे को सभ्य और सुसंकृत बनाना आपका कर्तव्य है।
Tags : Mantra
Category : Mantra