सप्तश्लोकी दुर्गा अर्थ सहित & भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ

Dec 22,2022 | By Admin

सप्तश्लोकी दुर्गा अर्थ सहित & भगवान् शिव रचित सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ

सप्तश्लोकी दुर्गा – Durga Saptashloki

Durga Saptashati path in Hindi Pdf Free Download – माँ भगवती की आराधना दुर्गा सप्तसती से की जाती है, परन्तु समयाभाव में सप्तश्लोकी दुर्गा (Durga Saptashati path in Hindi) या दुर्गा सप्तश्लोकी (Durga Saptashloki PDF) का पाठ अत्यंत ही प्रभाव शाली और दुर्गा सप्तसती का सम्पूर्ण फल प्रदान करने वाला माना जाता है, क्योकि इसकी रचना स्वयं भगवन शिव ने की थी –

दुर्गा सप्तश्लोकी हिंदी में – Durga Saptashati path in Hindi Pdf Free Download

विनियोग

ॐ अस्य श्री दुर्गा सप्तश्लोकी स्तोत्र मंत्रस्य, नारायण ऋषि: अनुष्टुप् छ्न्द:

श्लोक

ॐ ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती हि सा

वे भगवती महामाया देवी ज्ञानियों के भी चित्त को बलपूर्वक खींचकर मोह में डाल देती हैं ।

दुर्गे स्मृता हरसिभीतिमशेष जन्तो:

माँ दुर्गे ! आप स्मरण करने पर सब प्राणियों का भय हर लेती हैं और स्वस्थ पुरुषों द्धारा चिन्तन करने पर उन्हें परम कल्याणमयी बुद्धि प्रदान करती हैं । दुःख, दरिद्रता और भय हरनेवाली देवी ! आपके सिवा दूसरी कौन है, जिसका चित्त सबका उपकार करने के लिए सदा ही दयार्द्र रहता हो ।

सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके

नारायणी ! आप सब प्रकार का मंगल प्रदान करनेवाली मंगलमयी हैं, आप ही कल्याणदायिनी शिवा हैं । आप सब पुरुषार्थ्रो को सिद्ध करने वाली, शरणागतवत्सला, तीन नेत्रों वाली गौरी हैं । आपको नमस्कार है ।

शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे

शरणागतों, दिनों एवं पीड़ितों की रक्षा में संलग्न रहनेवाली तथा सबकी पीड़ा दूर करनेवाली नारायणी देवी ! आपको नमस्कार है ।

सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्व शक्ति समन्विते

सर्वस्वरूपा, सर्वेश्वरी तथा सब प्रकार की शक्तियों से सम्पन्न दिव्यरूपा दुर्गे देवी ! सब भयों से हमारी रक्षा कीजिये ! आपको नमस्कार है ।

रोगान शेषा नपहंसि तुष्टा

देवी ! आप प्रसन्न होने पर सब रोगों को नष्ट कर देती हैं और कुपित होने पर मनोवांछित सभी कामनाओं का नाश कर देती हैं । जो लोग आपकी शरण में हैं, उनपर विपत्ति तो आती ही नहीं ; आपकी शरण में गए हुए मनुष्य दूसरों को शरण देनेवाले हो जाते हैं ।

सर्वा बाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि

सर्वेश्वरि ! आप ऐसी प्रकार तीनों लोकों की समस्त बाधाओं को शान्त करें और हमारे शत्रुओं का नाश करती रहें ।

इति सप्तश्लोकी दुर्गास्तोत्र सम्पूर्णा ।।

सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ करने से माँ दुर्गा अपने भक्तो के सभी प्रकार के दुःख, दरिद्रता और भय रोगों के साथ परेशानियों को नष्ट कर देती है। देवी भगवत पुराण के अनुसार दुर्गा की आराधना करने से परम कल्याण मयी बुद्धि प्राप्त होती हैं। सप्तश्लोकी दुर्गा का पाठ नवरात्री तथा प्रति दिन सोमवार को करने से इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है।

Tags : Mantra

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