भीमशंकर ज्योतिर्लिंग & Bhimashankar Jyotirlinga
भीमाशंकर – Bhimashankar
शिव पुराण के अनुसार भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठा ज्योतिर्लिंग है। यह असम प्रान्त के कामरूप जनपद में ब्रह्मरूप पहाड़ी पर स्थित है| वर्तमान में यह महाराष्ट्र में स्थित है। महादेव ने जिस स्थान पर भीमा का वध किया वह स्थान देवताओं के लिए पूज्यनीय बन गया। सभी ने भगवान शिव से उसी स्थान पर शिवलिंग रूप में प्रकट होने की प्रार्थना की। भगवान शंकर ने देवताओं की यह अर्जी भी मान ली और उसी स्थान पर शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए। तभी से इस स्थान को भीमाशंकर के नाम से जाना जाता है। कहते हैं जो भी मनुष्य प्रतिदिन प्रातः काल उठकर इस ज्योतिर्लिंग से सम्बन्धित श्लोकों का पाठ करता हुआ शिवलिंग का ध्यान करता है, उसके सात जन्मों तक के पाप नष्ट हो जाते हैं|
भीमशंकर मंदिर – Bhimashankar Temple
भीमशंकर मंदिर बहुत ही प्राचीन है, लेकिन यहां के कुछ भाग का निर्माण नया भी है। इस मंदिर के शिखर का निर्माण कई प्रकार के पत्थरों से किया गया है। यह मंदिर मुख्यतः नागर शैली में बना हुआ है। मंदिर में कहीं-कहीं इंडो-आर्यन शैली भी देखी जा सकती है।
भीमाशंकर मंदिर की चढाई – Bhimashankar Temple Steps
मंदिर तक लगभग २०० सीढ़ियां है। वरिष्ठ नागरिक के लिए पालकी भी उपलब्ध हैं।
भीमाशंकर ट्रेक – Bhimashankar Trek
भीमाशंकर ट्रेक प्रकृति प्रेमियों के लिए बहुत ही अछि जगह है। यह आपको भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य के केंद्र में ले जाता है। मानसून में ट्रेकिंग करने का सबसे अच्छा समय मन जाता है, यह अन्य मौसमों में भी किया जा सकता है। मार्ग दर्शनीय और रोमांचकारी है। जो लोग ट्रेकिंग पसंद करते है वो भीमा घाट मार्ग से भीमाशंकर महादेव जा सकते हैं।
Trek Details
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग – Bhimashankar Jyotirlinga
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग सर्वोच्च आंशिक वास्तविकता है, जिसमें से आंशिक रूप से शिव प्रकट होते हैं। ज्योतिर्लिंग मंदिर इस प्रकार हैं, जहां शिव प्रकाश के एक उग्र स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे। बारह ज्योतिर्लिंग स्थलों में से प्रत्येक में पीठासीन देवता का नाम लिया गया है – प्रत्येक को शिव का एक अलग रूप माना जाता है। इन सभी स्थलों पर, शिव की अनंत प्रकृति का प्रतिनिधित्व करने वाला प्राथमिक चित्र ज्योतिर्लिंगम है। बारह ज्योतिर्लिंग गुजरात में सोमनाथ, आंध्र प्रदेश में मल्लिकार्जुन, मध्यप्रदेश में महाकालेश्वर, मध्यप्रदेश में ओंकारेश्वर, हिमालय में केदारनाथ, महाभारत में भीमाशंकर, वाराणसी में विश्वनाथ, महाराष्ट्र में त्रयंबकेश्वर, झारखंड में वैद्यनाथ, नागेश्वर, द्वारकेश्वर, द्वारका में हैं। महाराष्ट्रा में नाडु और ग्रिशनेश्वर।
भीमाशंकर मंदिर की कथा – Bhimashankar Mandir Story
कहा जाता है कि कुंभकर्ण के एक पुत्र का नाम भीम था। कुंभकर्ण को कर्कटी नाम की एक महिला पर्वत पर मिली थी। उसे देखकर कुंभकर्ण उस पर मोहित हो गया और उससे विवाह कर लिया। विवाह के बाद कुंभकर्ण लंका लौट आया, लेकिन कर्कटी पर्वत पर ही रही। कुछ समय बाद कर्कटी को भीम नाम का पुत्र हुआ। जब श्रीराम ने कुंभकर्ण का वध कर दिया तो कर्कटी ने अपने पुत्र को देवताओं के छल से दूर रखने का फैसला किया।
बड़े होने पर जब भीम को अपने पिता की मृत्यु का कारण पता चला तो उसने देवताओं से बदला लेने का निश्चय कर लिया। भीम ने ब्रह्मा जी की तपस्या करके उनसे बहुत ताकतवर होने का वरदान प्राप्त कर लिया। कामरूपेश्वप नाम के राजा भगवान शिव के भक्त थे। एक दिन भीम ने राजा को शिवलिंग की पूजा करते हुए देख लिया। भीम ने राजा को भगवान की पूजा छोड़ उसकी पूजा करने को कहा। राजा के बात न मानने पर भीम ने उन्हें बंदी बना लिया। राजा ने कारागार में ही शिवलिंग बना कर उनकी पूजा करने लगा।
जब भीम ने यह देखा तो उसने अपनी तलवार से राजा के बनाए शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास किया। ऐसा करने पर शिवलिंग में से स्वयं भगवान शिव प्रकट हो गए। भगवान शिव और भीम के बीच घोर युद्ध हुआ, जिसमें भीम की मृत्यु हो गई। फिर देवताओं ने भगवान शिव से हमेशा के लिए उसी स्थान पर रहने की प्रार्थना की। देवताओं के कहने पर शिव लिंग के रूप में उसी स्थान पर स्थापित हो गए। इस स्थान पर भीम से युद्ध करने की वजह से इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीमशंकर पड़ गया।
भीमशंका मंदिर का समय – Bhimshanka Temple Timings
Morning 4.30 am to 3.00 pm
भीमशंकर मंदिर दर्शन – Bhimshankar Jyotirling Darshan
निजरुप दर्शन सुबह 5.00 बजे।शृंगार दर्शन शाम 4.00 बजे से रात 9.30 बजे तक।
भीमशंकर मंदिर दर्शन का समय – Bhimshankar Temple Darshan Timings
सुबह 4:30 से 5:00 बजे तक काकड़ा आरती
सुबह 5:00 बजे – निजारूपा दर्शन
सर्व दर्शन 5:30 पूर्वाह्न – 6:00 पूर्वाह्न
अभिषेक सुबह 6:00 बजे – दोपहर 12:00 बजे
नैवेद्य दोपहर 12:00 – दोपहर 12:30 बजे
सर्व दर्शन दोपहर 12:30 बजे – दोपहर 3:00 बजे
अभिषेक दोपहर 12:30 बजे – दोपहर 3:00 बजे
मध्याह्न आरती 3:00 अपराह्न – 4:00 बजे
शृंगार दर्शन शाम 4:00 बजे – 9:30 बजे
रात्रि आरती 7:30 बजे
मंदिर के खुलने का समय रात 9:30 बजे
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग कैसे पहुँचें – How to Reach Bhimashankar Jyotirling
भीमाशंकर सड़कों के माध्यम से कई शहरों से जुड़ा हुआ है। इस मार्ग पर नियमित बस सेवाएं और टैक्सियाँ संचालित होती हैं।
भीमाशंकर मंदिर हवाई मार्ग से – Bhimashankar By Air
भीमाशंकर में कोई हवाई अड्डा नहीं है। इसका निकटतम हवाई अड्डा पुणे हवाई अड्डा है। हवाई अड्डे से भीमाशंकर पहुंचने में लगभग ढाई घंटे लगते हैं। पुणे हवाई अड्डा जेट एयरवेज और इंडिगो जैसी एयरलाइनों के माध्यम से भारत के सभी प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। हवाई अड्डे से, आप शहर तक पहुँचने के लिए टैक्सी / टैक्सी आसानी से किराए पर ले सकते हैं।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग रेलवे स्टेशन द्वारा – Nearest Railway Station To Bhimashankar
भीमाशंकर में रेलवे स्टेशन नहीं है। कर्जत स्टेशन है जो लगभग 168 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और पुणे रेलवे स्टेशन है जो भीमशंकर से 110.9 किमी दूर है। स्टेशन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष ट्रेनों के माध्यम से कई शहरों से जुड़ा हुआ है। इसलिए, स्टेशन से भीमाशंकर पहुंचने में दो घंटे लगते हैं। आप आसानी से एक बस या रिक्शा किराए पर ले सकते हैं।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग सड़क मार्ग से – Bhimashankar By Road
भीमाशंकर सड़कों से अछि तरह से जुड़ा है। भीमाशंकर और आसपास के शहरों के बीच विभिन्न बस और टैक्सी सेवाएं संचालित हैं। यदि आप आस पास की जगह घूमना चाहते हैं तो यह सबसे सुविधाजनक विकल्प है।
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग जाने के लिए सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Bhimashankar Jyotirling
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की यात्रा के लिए वर्ष के किसी भी समय चुना जा सकता है। महाशिवरात्रि के समय यहां एक विशेष मेला आयोजित किया जाता है।
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