Maa Baglamukhi Kavach & माँ बगलामुखी कवच

Dec 22,2022 | By Admin

Maa Baglamukhi Kavach & माँ बगलामुखी कवच

माँ बगलामुखी कवच – Maa Baglamukhi Kavach

दस महाविधा में आठवीं महाविद्या देवी बगलामुखी हैं। उनकी पूजा करने से शत्रु का विनाश और वाद-विवाद, कोर्ट कचहरी आदि में जीत के लिए की जाती है। उनको प्रसन्न करने और मनोवांछित फल प्राप्त करने के लिए बगलामुखी कवच का पाठ किया जाता है, जिससे भक्त के जीवन में आने वाली हर बाधा दूर होती है और शत्रुओं का नाश होता है और साथ ही बुरी ताकतों का भी नाश होता है।

श्रुत्वा च बगला पूजां  स्तोत्रं  चापि महेश्वर।

इदानीं  श्रोतुमिच्छामि  कवचं  वद मे प्रभो।

वैरिनाशकरं   दिव्यं  सर्वाऽशुभ विनाशकम्।

शुभदं स्मरणात्पुण्यं त्राहि मां दु:ख-नाशनम्॥

॥ श्री भैरव उवाच ॥

कवच श्रृणु  वक्ष्यामि  भैरवि।  प्राणवल्लभम्।

पठित्वा-धारयित्वा तु  त्रैलोक्ये विजयी भवेत्॥

 विनियोग करें : 

ॐ अस्य श्री बगलामुखीकवचस्य नारद ऋषि: अनुष्टुप्छन्द: श्रीबगलामुखी देवता।

ह्लीं बीजम्। ऐं कीलकम्।

पुरुषार्थचतुष्टयसिद्धये जपे विनियोग:॥

॥ अथ कवचम् ॥

शिरो मे बागला पातु ह्रदयैकक्षरी परा।

ॐ ह्रीं ॐ मे ललाटे च बगला वैरिनाशिनी॥

गदाहस्ता सदा पातु मुखं मे मोक्षदायिनी।

वैरि जिह्राधरा पातु कण्ठं मे बगलामुखी॥

उदरं नाभिदेंश च पातु नित्यं परात्परा।

परात्परतरा पातु मम गुह्रं सुरेश्वरी

हस्तौ चैव तथा पादौ पार्वती परिपातु मे।

विवादे विषमे घोरे संग्रामे रिपुसंकटे॥

पीताम्बरधरा पातु सर्वांगं शिवंनर्तकी।

श्रीविद्या समयं पातु मातंगी पूरिता शिवा॥

पातु पुत्रीं सूतञचैव कलत्रं कलिका मम।

पातु नित्यं भ्रातरं मे पितरं शूलिनी सदा॥

रंध्रं हि बगलादेव्या: कवचं सन्मुखोदितम्।

न वै देयममुख्याय सर्वसिद्धि प्रदायकम्॥

पठनाद्धारणादस्य पूजनादवांछितं लभेत्।

इंद कवचमज्ञात्वा यो जपेद् बगलामुखीय॥

पिबन्ति शोणितं तस्य योगिन्य: प्राप्य सादरा:।

वश्ये चाकर्षणे चैव मारणे मोहने तथा॥

महाभये विपतौ च पठेद्वरा पाठयेतु य:।

तस्य सर्वार्थसिद्धि:। स्याद् भक्तियुक्तस्य पार्वति॥

बगलामुखी कवच के लाभ (Benefits of Baglamukhi Kavach in Hindi)

मंत्रों द्वारा सिद्ध बगलामुखी कवच (How to Energize Baglamukhi Kawach)

बगलामुखी देवी के 1.25 लाख मंत्रों के जाप द्वारा बगलामुखी कवच को अभिमंत्रित किया जाता है।

बगलामुखी कवच प्रयोग हेतु सावधानियां (Precautions to Use Baglamukhi Kawach)

कवच धारण करने वाले दिन मांस-मदिरा का सेवन नहीं करे।

अगर आप किसी की शवयात्रा में जाते है तो कवच को उतार कर जाए और स्नानादि के बाद फिर से धारण करे।

नवजात शिशु से मिलने जाते समय कवच को उतार कर जाए।

Tags : Mantra

Category : Mantra


whatsapp
whatsapp