Nirjala Ekadashi Vrat 2021 & निर्जला एकादशी व्रत 2021
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते है, इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। क्योंकि महर्षि वेदव्यास के अनुसार भीमसेन ने इसे धारण किया था। निर्जला-एकादशी का व्रत अत्यन्त संयम साध्य है क्यों की इस व्रत में सूर्योदय से द्वादशी के सूर्योदय तक जल भी न पीने का विधान है, इसी कारण इसे निर्जला एकादशी भी कहते है। इस दिन निर्जल रहकर भगवान विष्णु की आराधना का विधान है। इस व्रत से दीर्घायु और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
निर्जला एकादशी पूजा 21 जून 2021
एकादशी तिथि शुरू : 16:25 – 20 जून 2021
एकादशी तिथि ख़त्म : 13:30 – 21 जून 2021
निर्जला एकादशी पारणा मुहूर्त :05:23:49 से 08:11:28 तक 22, जून को
अवधि :2 घंटे 47 मिनट
निर्जला एकादशी व्रत कथा, पूजा विधि के लिए यह पढ़े – Nirjala Ekadashi Vrat Katha – निर्जला एकादशी व्रत कथा
निर्जला एकादशी 2021 पर दान का महत्व
यह एकादशी व्रत धारण कर यथाशक्ति अन्न, जल, वस्त्र, आसन, जूता, छतरी, पंखी तथा फल आदि का दान करना चाहिए। इस दिन जल कलश का दान करने वालों श्रद्धालुओं को वर्ष भर की एकादशियों का फल प्राप्त होता है। इस एकादशी का व्रत करने से अन्य एकादशियों पर अन्न खाने का दोष छूट जाता है तथा सम्पूर्ण एकादशियों के पुण्य का लाभ भी मिलता है। श्रद्धापूर्वक जो इस पवित्र एकादशी का व्रत करता है, वह समस्त पापों से मुक्त होकर अविनाशी पद प्राप्त करता है।
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